अपना झाबुआ
धार के फौजी होटल में भील महासंघ की प्रांतीय कार्यकारिणी बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें प्रदेशभर से 20 से अधिक जिलों के सैकड़ों समाजजन शामिल हुए। बैठक में जिलाध्यक्षों की घोषणा की गई और संगठन को मजबूत बनाने पर जोर दिया गया।
राष्ट्रगान व जयकारों से हुई शुरुआत
बैठक की शुरुआत भारत माता, मां शबरी, एकलव्य, राणा पूंजा और टांटिया भील के चित्रों पर दीप प्रज्वलन एवं पुष्पांजलि अर्पित कर हुई। तत्पश्चात राष्ट्रगान और भारत माता के जयकारों के साथ बैठक का शुभारंभ हुआ।
डामोर बोले – संस्कृति और परंपरा का संरक्षण सर्वोच्च प्राथमिकता
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व प्रांतीय अध्यक्ष, पूर्व सांसद गुमान सिंह डामोर ने अपने उद्बोधन में कहा –
“हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता हमारी संस्कृति, रीति-रिवाज, परंपरा और धार्मिक पद्धतियों का संरक्षण करना है। कुछ लोग हमारी परंपराओं और मान्यताओं को समाप्त करने का षड्यंत्र रच रहे हैं, परंतु हम उनके मंसूबों को कभी सफल नहीं होने देंगे।”
उन्होंने बताया कि 30 सितम्बर तक सभी जिलों में कार्यकारिणी का गठन तथा 30 अक्टूबर 2025 तक तहसील स्तर पर कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा। साथ ही समाज के महापुरुषों की प्रतिमाएं अधिक से अधिक स्थापित करने और उनकी जीवनी व स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान पर लेखन कार्य करने पर भी बल दिया।
महिला सशक्तिकरण पर अनु डामोर का जोर
महिला प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित कुमारी अनु डामोर जो हाल ही में विदेश से पढ़ाई कर लौटी हैं ने समाज में महिला सशक्तिकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता देने पर बल दिया। उन्होंने कहा –“हमारी लड़ाई अशिक्षा, गरीबी और बेरोजगारी के साथ-साथ उन लोगों से भी है, जो हमें आगे बढ़ने से रोकना चाहते हैं।”
समाज के कई प्रतिनिधियों ने रखे विचार
बैठक में रामकरण भाबर, सरदार मेड़ा, वेलसिंह भूरिया, राजू डामोर और महासचिव लक्ष्मणसिंह बारिया सहित अनेक वक्ताओं ने अपने विचार रखे।इस अवसर पर सीताराम मुकाती, दिनेश गरवाल, वरुण डामोर, मजेसिंह मकोडिया, मेजिया कटारा और मनीष वसुनिया भी उपस्थित रहेकार्यक्रम का सफल संचालन धूमसिंह निनामा ने किया और आभार प्रदर्शन शंकरलाल कटारिया द्वारा किया गया।बैठक की जानकारी मीडिया प्रभारी मनोज अरोरा ने दी।